Thursday, June 18, 2015

Dost...

मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है|
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है|
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो|
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो...| 


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