Thursday, June 18, 2015

Beti....

जब _जब जनम लेती है बेटी,
खुशिया साथ लाती है बेटी..

माँ की परछाई पिता का रूप होती है बेटी ,
ईश्वर की सोगात होती है बेटी.. 

सुबह की पहली किरण है बेटी ,
तारों की शीतल छाया है बेटी.. 

त्याग और समर्पण सिखाती है बेटी
नए-नए रिश्ते बनाती है बेटी.. 

जब सुसराल जाये बड़ा रुलाती है बेटी..
पर जिस घर जाये उजाला लाती है  बेटी.. 

बेटी की कीमत उनसे पूछो जिनके
पास नहीं है बेटी.


No comments:

Post a Comment