नए जमाने के बच्चे पुराने ख़्यालात नही रखते..
बड़े बुजुर्गों के आगे घर की हालात नही रखते..
हर मसले का हल ससुराल मे ढूंढते है..
सगे भाइयों के आगे बात नही रखते..
घिर गए है ख़्वाबों की रंगीन दुनिया से..
हकीकत के उज़ालों से मुलाकात नही रखते.
इकलौता बेटा किसी भी वक़्त घर लौटे..
सवाल पूछने की औकात नही रखते..
चार लोगों मे सिमट कर रह गए हैं परिवार..
माँ बाप के लिए भी जज्बात नही रखते.
बड़े बुजुर्गों के आगे घर की हालात नही रखते..
हर मसले का हल ससुराल मे ढूंढते है..
सगे भाइयों के आगे बात नही रखते..
घिर गए है ख़्वाबों की रंगीन दुनिया से..
हकीकत के उज़ालों से मुलाकात नही रखते.
इकलौता बेटा किसी भी वक़्त घर लौटे..
सवाल पूछने की औकात नही रखते..
चार लोगों मे सिमट कर रह गए हैं परिवार..
माँ बाप के लिए भी जज्बात नही रखते.
No comments:
Post a Comment